The best Side of Shiv chaisa

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।

लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।

Whosoever presents incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with like and devotion, enjoys material happiness and spiritual bliss Within this planet and hereafter ascends to your abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the suffering of all and grants them eternal bliss.

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

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जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।

जो यह पाठ करे shiv chalisa in hindi मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।

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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।

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